कम्पनी विधि बोर्ड

1.केन्द्र सरकार ने दिनाँक 31 मई 1991 कोकम्पनी एक्ट 1956 के सैक्शन 10(ई) की अधिसूचना सं0-364 के तहत एक स्वतंत्र ‘कम्पनी विधि बोर्ड (सीएलबी) का गठन किया। सी एल बी एक अर्ध न्यायिक संस्था है जो न्यायोचित अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करता है जो पूर्व में उच्च न्यायालय अथवा केन्द्र सरकार द्वारा क्रियान्वित था। बोर्ड को अपनी प्रक्रियाओं को विनियमित करने का अधिकार है।कम्पनी विधि बोर्ड में आवेदनों/याचिकाओं को दाखिल करने की प्रक्रिया से पूर्व ‘कम्पनी विधि बोर्ड विनियम 1991’ का खांचा तैयार कर लिया गया। केन्द्र सरकार ने भी ‘कम्पनी विधि बोर्ड(आवेदन/याचिका शुल्क) नियम 1991’ के अंतर्गतकम्पनी विधि बोर्ड के सम्मुख आवेदनों/याचिकाओं को प्रस्तुत करने से पूर्व शुल्क का उल्लेख किया है।”.


2. बोर्ड की नई दिल्ली में अपनी मुख्य पीठ और चार क्षेत्रीय पीठें नई दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता और चेन्नई में हैं।.


3.कम्पनी एक्ट 1956 के सैक्शन 247, 250 269, 388ठ के मामले मुख्य पीठ द्वारा निपटाए जाते हैं।कम्पनी एक्ट 1956 के सैक्शन 58।।, 79/80।, 111/111।, 113/113।, 117, 117ब्, 118, 144, 163, 167, 186, 196, 219, 235, 237(इ) 247, 250, 284, 304, 397/398, 408, 409, 614 एवं 621।और रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया एक्ट 1934 के सैक्शन 45फ। के मामले एक या एक से अधिक सदस्यों से मिलकर बनी क्षेत्रीय पीठों अर्थात् नई दिल्ली पीठ, कलकत्ता पीठ, मुम्बई पीठ और चेन्नई पीठ द्वारा निपटाए जाएँगे।.


4.कम्पनी अधिनियम एक्ट के सैक्शन 10थ् के संदर्भ मेंकम्पनी विधि बोर्ड के फैसले या आदेश से व्यथित कोई भी व्यक्तिकम्पनी विधि बोर्ड के फैसले या आदेश की सुनवाई के दिन से इस प्रकार के आदेश पर उठे किसी भी न्यायिक प्रश्न वाले दिन के 60 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है।.


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